Thursday, 19 September 2019

18 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

दिन विशेष

विश्व बांस दिवस - 18 सितंबर

रक्षा

16 सितंबर 2019 को Su-30 MKI द्वारा हवा से हवा में मार सकने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया गया - अस्त्र (भारत की पहली स्वदेशी हवा से हवा में मार सकने वाला प्रक्षेपास्त्र)

अर्थव्यवस्था

वह कंपनी जिसने भारत के टियर-2 शहरों में स्टार्टअप के लिए ‘हाइवे टू ए हंड्रेड यूनिकॉर्न्स’ नामक नई पहल शुरू की – माइक्रोसॉफ़्ट

इलाहाबाद बैंक के संचालक मंडल ने इस बैंक के साथ विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी - इंडियन बैंक

अंतरराष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र के ‘इंटरनेशनल मायग्रंट स्टॉक 2019’ के अनुसार, यह देश 2019 में 17.5 दसलाख प्रवासी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी देश है – भारत

राष्ट्रीय

सभी मोबाइल ऑपरेटरों के IMEIs संख्या का केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नया डेटाबेस – सेंट्रल ईक्विपमेंट आइडैनटिटि रजिस्टर (सीईआईआर)


व्यक्ति विशेष

विदेश में किसी भी भारतीय मिशन में तैनात होने वाली भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक - विंग कमांडर अंजलीसिंह (रूस में डिप्टी एयर अटैच के रूप में)

क्रीड़ा

अंडर-17 जूनियर बॉयज़ सुब्रतो कप 2019 इस अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतिस्पर्धा का विजेता - होपवेल एलियास हायर सेकेंडरी स्कूलमेघालय

विज्ञान और तकनीक

17 सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए ह्यूमन सेंट्रिक सिस्टम के विकास के लिए इस भारतीय संगठन के साथ हाथ मिलाया है - रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)


सामान्य ज्ञान

श्रम और रोजगार मंत्रालय इस वर्ष से "विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार" और "राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार" का संचालन कर रहा है - 1965

अंतरराष्ट्रीय जल संघ (IWA) – स्थापना वर्ष: 1999; मुख्यालय: लंदनब्रिटेन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) - स्थापना वर्ष: 1969; मुख्यालय: बैंगलोर

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की स्थापना – 1958

Thursday, 12 September 2019

12 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

“धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।”   

- स्वामी विवेकानन्द 


रक्षा

भारत सरकार ने अगले 5-7 वर्षों में सशस्त्र बलों के बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए इतनी राशि को खर्च करने के लिए योजना बनाई है - 130 अरब डौलर

भारतीय वायु सेना ने इस वायु सेना स्टेशन को फिर से पुनरुज्जीवित किया, जो राफेल लड़ाकू जेट के पहले स्क्वाड्रन का संचालन करेगा – अम्बाला स्थित 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरो'

अर्थव्यवस्था

रिजर्व बैंक समर्थित यू. के. सिन्हा समिति ने सिफारिश की है कि स्टार्ट-अप के लिए इस राज्य के अभिनव मॉडल का अन्य राज्यों में संभावित प्रतिकृति के लिए मूल्यांकन किया जाना चाहिए - तेलंगाना

अंतरराष्ट्रीय

वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2019 में "गोल्डन लायन" की विजेता फिल्म - जोकर (टॉड फिलिप्स)

व्यक्ति विशेष

यह व्यक्ति अमेरिका में 48 वीं अल्बुक्वर्क इंटरनेशनल बैलून फिएस्टा (एआईबीएफ़) में पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व करेगा - कैप्टन संग्राम पवार

11 सितंबर से प्रधान मंत्री के नए प्रधान सचिव - डॉ पी. के. मिश्रा

11 सितंबर से प्रधान मंत्री के नए प्रधान सलाहकार - पी. के. सिन्हा

क्रीड़ा

8 वें लद्दाख मैराथन में 72 किमी अल्ट्रा खारदुंग ला चैलेंज के विजेता - शबीर हुसैन (पुरुष)क्रिस्टीना वाल्टर (आयरलैंड की महिला)

इटालियन ग्रैंड प्रिक्स 2019 फॉर्मूला वन मोटर रेस का विजेता - चार्ल्स लेक्लर (फेरारी)

सामान्य ज्ञान

समुद्र तल से 11,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचाई पर होने वाला मैराथन - लद्दाख मैराथन (जम्मू और कश्मीर)

अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ (सीएआईटी) का स्थापना वर्ष – 1990

अमेरिका में पहला अल्बुक्वर्क इंटरनेशनल बैलून फिएस्टा (एआईबीएफ़) - 1972


दैनिक समाचार डाइजेस्ट:12 September 2019

भारत, आसियान माल एफटीए संधि की समीक्षा करने के लिए सहमत

भारत और 10 सदस्यीय आसियान ने माल में द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है ताकि इसे अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल, सरल और व्यापार सुगम बनाया जा सके। समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार, दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार किए गए अधिकतम माल पर कर्तव्यों को समाप्त करने के लिए समयसीमा निर्धारित करते हैं।

बेसल प्रतिबंध संशोधन कानून बन जाएगा

1995 का बेसल प्रतिबंध संशोधन, एक वैश्विक कचरा डंपिंग निषेध, क्रोएशिया (97 वें देश के लिए अनुसमर्थन) के बाद एक अंतरराष्ट्रीय कानून बन गया है, जिसने 6 सितंबर, 2019 को इसकी पुष्टि की। संशोधन में खतरनाक कचरे के सभी निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है, जिसमें गैर-ओईसीडी देशों के आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के 29 सबसे धनी देशों के इलेक्ट्रॉनिक कचरे और अप्रचलित जहाजों शामिल हैं।

पुस्तक : Savarkar: Echoes from a forgotten past (1883-1924) का विमोचन

बेंगलुरु - आधारित इतिहासकार विक्रम संपत की पुस्तक जिसका नाम ‘Savarkar: Echoes from a forgotten past, 1883-1924’ का विमोचन किया गया था। पुस्तक पेंगुइन द्वारा प्रकाशित की गई थी।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) और ब्रसलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में 500 मिलियन से अधिक पशुओं को टीकाकरण करना है, जिसमें फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) के खिलाफ मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी, और सूअर शामिल हैं।

भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला व्यापार केंद्र (iWTC) केरल में स्थापित किया जाएगा

केरल राज्य सरकार को पहली बार, कोझीकोड में भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला व्यापार केंद्र (iWTC) स्थापित करना है। यह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है।

मोतिहारी अमलेखगंज ऊर्जा पाइपलाइन का उद्घाटन

भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाली प्रधान मंत्री के.पी. शर्मा ओली ने संयुक्त रूप से 10 सितंबर को दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम उत्पादों की पाइपलाइन का उद्घाटन किया। ऊर्जा पाइपलाइन भारत में मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगंज तक है। 69 किलोमीटर लंबी मोतिहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन देशों के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क परियोजना है।


More Current Affairs;


India’s second riverine Multi Modal terminal built at Sahibganj in Jharkhand:

This is being constructed on National Waterway-1 (River Ganga) under Jal Marg Vikas Project (JMVP) aided by World Bank.

  • The First MultiModal Terminal has been constructed at Varanasi over River Ganga.    
  • Ganga- Bhagirathi Hooghly river system from Allahabad to Haldia was declared as National Waterway No.1. The NW-1 passes through Uttar Pradesh, Bihar, Jharkhand and West Bengal and serves major cities and their industrial hinterlands.

Practice Question - Answer on Current Affairs👉



1). Indian Railways has launched its first-ever ‘fun zone’ for kids in which railway station?       
Ans-Visakhapatnam 

2). Who has become the first bowler to take 100 wickets in Twenty20 International cricket?

Ans- Lasith Malinga(SriLanka)

3). Gaurvi Singhvi, who became the world’s youngest open water swimmer to cross the English Channel, is from which district of Rajasthan?
Ans- Udaipur

4). Who is the newly appointed chairman of Press Trust of India (PTI)?   
Ans- Vijay Kumar Chopra 

5). Which noted writer has been chosen for the 40th Sarala Puraskar?
Ans- Pradeep Dash

6). Which Indian personality has been chosen for the 2019 Asia Pacific Golf Hall Of Fame?  
Ans- Pawan Munjal 

7). The 22nd edition of UN Committee on CRPD was held at which city?
Ans- Geneva 

8). The National Animal Disease Control Programme (NADCP) has been launched from which city?
Ans- Mathura

9). Who has been appointed the Principal Secretary to Prime Minister Narendra Modi?
Ans- Pramod kumar Mishra

10). Which state government has decided to set up India’s first International Women’s Trade Centre (iWTC)?
Ans- Kerala

Wednesday, 11 September 2019

11 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

दिन विशेष

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2019 (10 सितंबर) के लिए विषय - टुगेदर टू प्रिव्हेंट सूइसाइड

अंतरराष्ट्रीय

10 सितंबर को भारत ने इस देश में मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम प्रॉडक्ट पाइपलाइन (दक्षिण एशिया क्षेत्र में पहली 60 किलोमीटर लंबी क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम प्रॉडक्ट पाइपलाइन) का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया – नेपाल

10 सितंबर 2019 को इस जगह 8 वां एशियाई मंत्रिस्तरीय ऊर्जा गोलमेज सम्मेलन (AMER8) शुरू हुवाँ - अबू धाबीसंयुक्त अरब अमीरात

वह व्यक्ति जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) का नेतृत्व करने वाली केवल दूसरी महिला है - क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (बुल्गारिया)

एबीसीडी के '2018 कैनबिस प्राइस इंडेक्स' के अनुसार, भांग का विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता - न्यूयॉर्क (अमरीका)(कराची दूसरा)

राष्ट्रीय

60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह न्यूनतम 3000 रुपये पेंशन प्रदान करने के लिए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 12 सितंबर को रांची (झारखंड) में इस योजना का शुभारंभ करेंगे - किसान मान धन योजना

एबीसीडी के '2018 कैनबिस प्राइस इंडेक्स' में दिल्ली का क्रमांक - तीसरा (38,260 किलोग्राम की खपत के साथ) (मुंबई 6 वां)

व्यक्ति विशेष

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के नए अध्यक्ष - विजय कुमार चोपड़ा

क्रीड़ा

27 सितंबर से 6 अक्टूबर तक इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन्स (आईएएएफ़) वर्ल्ड चैंपियनशिप यहाँ आयोजित की जाएगी - दोहाकतर

सामान्य ज्ञान

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण उपशमन व्यवस्था (यूएनसीसीडी) - स्थापना वर्ष: 1994

इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ़) - स्थापना वर्ष: 1912; मुख्यालय: मोंटे कार्लो (मोनाको).

प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पीटीआई) - स्थापना वर्ष: 1947 (27 अगस्त); मुख्यालय: नई दिल्ली

संयुक्त राष्ट्र विकलांग व्यक्ति अधिकार सम्मेलन (यूएनसीआरपीडी) लागू हुआ वह दिन - 3 मई 2008

More Current Affairs for Today;

👉 Market Intervention Price Scheme(MIPS):

  1. It is a price support mechanism implemented on the request of State Governments.
  2. It is for procurement of perishable and horticultural commodities in the event of a fall in market prices.
  3. The Scheme is implemented when there is at least 10% increase in production or 10% decrease in the ruling rates over the previous normal year.
  4. Its objective is to protect the growers of these horticultural/agricultural commodities from making distress sale in the event of bumper crop during the peak arrival period when prices fall to very low level.
👉 AITIGA:

The ASEAN–India Free Trade Area (AIFTA) is a free trade area among the ten member states of the Association of Southeast Asian Nations (ASEAN) and India. It came into force from January 2010.

Under the pact, two trading partners set timelines for eliminating duties on the maximum number of goods traded between the two regions.

Need for review:

  1. India is not happy about the fact that its trade deficit with ASEAN has widened significantly since the pact was implemented.
  2. A NITI Aayog study reveals that India’s trade deficit with ASEAN doubled to $10 billion in 2017 from $5 billion in 2011.
  3. One of the reasons for the growing deficit is the low utilisation of the FTA route by Indian exporters to ASEAN countries because of difficulties faced in negotiating the rules.
  4. A review of the India-ASEAN FTA could help improve utilisation in India by making the pact simpler and more user-friendly.
👉 Maize crops falling victim to Fall Armyworm in Bihar. Reports of the pest attacking crops have been reported from a number of districts in the state, India’s third-largest maize producer.

👉 Sardar Sarovar Dam

The height of the dam was increased to 138.68 metres in 2017
Power generated from the dam would be shared among three states — Madhya Pradesh, Maharashtra and Gujarat.

Various issues present:

  1. Compensation amounts.
  2. Formation of islands due to submergence.
  3. Inadequate number of plots and rehabilitation sites.
  4. Leveling of land for house construction.
  5. Action on people involved in fake registry of land for homes.
  6. Rights for the fishing community on the reservoir.
  7. Cases of oustees settled in Gujarat.
  8. Issues of farmers who have lost land for rehabilitation sites.

Why is this project significant and what benefits has it got?

Unused Water from Narmada river, which would otherwise flow into the sea, could be used for serving many dry towns, villages and districts of Gujarat.

The project would employ about one million people starting from the start to end of the project.

Provide electricity to the unserved regions and also to the farmers.

Provide water for irrigation and for drinking purpose.

Provide flood protection to an area of about 30,000 hectares which is prone to the fury of floods.

What needs to be done?

  1. Task of rehabilitation and resettlement of affected people should be completed immediately.
  2. Need of an independent review of the project on continuous basis to fulfil the real objectives of the project.
  3. Studies should take into consideration the seasonal temporal variations in the climate and many other important parameters.
  4. Environment safeguards should be put in place.

 👉 Framework for the Assessment of Benefits of Action/Cost of Inaction for Drought Preparedness report has been released at the ongoing 14th Conference of Parties (COP14) to the United Nations Convention to Combat Desertification (UNCCD) at Delhi/Noida.

10 points of framework:

  1. Appoint a national drought management policy commission
  2. Define the goals and objectives of risk-based national drought management policy
  3. Seek stakeholder participation, define and resolve conflicts between key water use sectors
  4. Inventory data and financial resources available and broadly identify groups at risk
  5. Prepare the key tenets of the national drought management policy and preparedness plans
  6. Identify research needs and fill institutional gaps
  7. Integrate science and policy aspects of drought management
  8. Publicise the policy and preparedness plans, build public awareness
  9. Develop education programs for all age and stakeholder groups
  10. Evaluate and revise policy and supporting plans

 Challenges;

Lack of a holistic approach; integrating analysis and action across sectors and agencies and the political economy of aid.

What India can learn from this?

The way to combat frequent droughts lies in evaluating their impacts.

Losses due to droughts need proper estimation.

More and better economic analysis could be a decisive factor in moving countries from crisis management to risk management.

👉 The 1995 Basel Ban Amendment:

Adopted by the parties to the Basel Convention in 1995

To protect human health and the environment against the adverse effects of hazardous wastes.

The amendment prohibits all export of hazardous wastes, including electronic wastes and obsolete ships from 29 wealthiest countries of the Organization of Economic Cooperation and Development (OECD) to non-OECD countries.

Basel Convention —  Control of Transboundary Movements of Hazardous Wastes and Their Disposal:

Tuesday, 10 September 2019

जैव विविधता (Bio Diversity) : घटती प्रजातियाँ, बढ़ती दुश्वारियाँ

पृथ्वी ग्रह की असीम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष गतिविधियों को समझने में हम पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। हमने अपनी केन्द्रीय भूमिका इसी रूप में निभाई कि किस तरह से पृथ्वी पर मनुष्य बेहतर जीवनयापन कर सकता है और ऐसा करते हुए हम अन्य जीवों व प्राणियों की भूमिका को आंकने में आज तक असफल रहे हैं। हम ये नहीं समझ सके कि पृथ्वी का एक पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें हर प्राणी की व पेड़-पौधों की अपनी एक भूमिका है।

हर वृक्ष अपने जीवन में जो भी प्रकृति से लेता है, उसके समान वह पारिस्थितिकी तंत्र को वापिस भी कर देता है और यही बात अन्य जीवों के लिये भी फिट बैठती है। उदाहरण के लिये शाकाहारी जीव अगर पेड़, पत्ती, बीज, फलों का सेवन करते हैं तो उनके बदले समान रूप से बीजों का वितरण मल त्याग कर अपने भोजन की वापसी के साथ नई चारागाह भी तैयार करते हैं। यही नहीं बल्कि खुद मांसाहारी जीवों का भोजन भी बन जाते हैं और ये इसलिये होता है ताकि कोई एक प्रजाति अत्यधिक संख्या में बढ़कर पारिस्थितिकी तंत्र पर बोझ न बने। इसीलिये शास्त्रों में ‘जीवष्य भोजनम‍् च जीवष्य’ को इसी तरह चरितार्थ किया जाता है। मगर इस श्रेणी में मनुष्य नहीं आता और यही कारण है कि इसकी जनसंख्या पर कोई नियंत्रण नहीं हो सका।

अब इस तथ्य को ऐसे भी समझा जा सकता है कि 1970 से आज तक करीब 49 सालों में आधे से ज्यादा वन्यजीव समाप्त हो चुके हैं। यह लगभग 52 फीसदी है। इनमें स्तनधारी पक्षी, सरीसृप, उभयचारी व मछलियां हैं। अब ये आंकड़ा हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह अध्ययन डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. व जूलोजिकल सोसायटी ऑफ लंदन ने किया, जो 10,000 विभिन्न आबादी वाली 3000 प्रजातियों के आधार पर था।

दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया में पौधों की प्रजातियों के पांचवें हिस्से पर लुप्त होने का खतरा बना हुआ है और यह अध्ययन लंदन के रॉयल बोटेनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने किया है। इसके अनुसार दुनिया की लगभग 3 लाख 80 हजार पादप प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं और इसी तरह आई.यू.सी.एन. संस्था का कहना है कि दुनिया के एक- तिहाई जीवों पर भी लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है और ये लगभग 17 हजार 291 जीवों की प्रजातियां हैं। अपने देश में तो हालात ज्यादा गंभीर हैं। वन संपदा की दृष्टि से पादप विविधता में भारत का विश्व में दसवां और एशिया में चौथा स्थान है। यहां पौधों की लगभग 1336 प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर हैं और इनमें से 20 प्रजातियां 60 से 100 वर्षों के दौरान दिखाई नहीं पड़ी हैं। करीब 15 हजार फूलदार पौधों की प्रजातियां जो कि दुनिया की 6 फीसदी पादप प्रजाति का हिस्सा हैं, वे एक या दो कारणों से सहज महसूस नहीं कर रही हैं। मतलब दुनिया की एक-चौथाई प्रजातियां खतरे में मानी जा सकती हैं। अब ये सब क्यों हो रहा है, इसमें ज्यादा बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। इसे ऐसे भी समझिये कि दुनिया में मनुष्य की बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं के लिये वनों का कटान इनकी बढ़त से कई गुना ज्यादा है। समुद्र में उतनी मछलियां पनप नहीं पातीं, जितनी कि प्रतिदिन पकड़ ली जाती हैं। जलाशयों व नदियों से उतना पानी हटा लिया जाता है, जितना कि वर्षा जल संचित नहीं कर सकेगी। जंगल व समुद्र उतनी कार्बन डाई आॅक्साइड व तापक्रम को नियंत्रण नहीं कर सकते, जितना कि मनुष्य की गतिविधियां पैदा करती हैं।

सीधी-सी बात है कि एक प्रजाति विशेष मनुष्य की बढ़ती जनसंख्या और उसके लिये सुविधाएं जुटाने का काम आज अन्य जीवों व वनों के लिये घातक बन चुका हैं। ये कुछ हद तक पृथ्वी की अलौकिक क्षमताओं के कारण सीमा नहीं तोड़ पाया था पर आज यह तंत्र टूटने के प्रति संवेदनशील हो चुका है। इन सब बातों की गंभीरता को समझते हुए 70 के दशक के आसपास में जैव विविधता संरक्षण पर गंभीर कदम उठाये गये। एक बड़े कदम के रूप में 120 देशों में 669 बायो स्फीयर रिजर्व खड़े किये गये और ये लगभग सभी देशों की जिम्मेदारी समझी गयी। इनमें अफ्रीका के 28 देश, अरब राज्यों के 11, एशिया के 24, यूरोप, उत्तरी अमेरिका के 36 व लैटिन अमेरिका के 21 देशों ने ये कदम उठाया। इसको कोर, बफर व ट्रांजिसन एरिया के रूप में विभाजित करते हुए संरक्षण प्रदान किया गया और इसी तरह 100 देशों ने नेशनल पार्क भी खड़े किये।

अपने देश की भी इसमें भूमिका बराबर रही है। इस बड़े कदम के बाद भी अगर यह मान लिया जाये कि हमने अन्य प्रजातियों को संरक्षण प्रदान कर दिया है तो ये हमारी भूल ही होगी क्योंकि ज्यादातर इन बायो स्फीयर रिजर्व व नेशनल पार्कों से कई तरह के विवाद जुड़े हुए हैं और यही नहीं इनके खस्तेहाल की भी चर्चाएं होती रहती हैं। वनों का कटान, जीवों का दोहन, वे चाहे बाघ हों या गैंडा, हाथी, ये सब इतनी सुरक्षा के बाद भी शिकारियों की भेंट चढ़ ही रहे हैं। अवैध वन कटान व जड़ी बूटियों की बड़ी चोरी कहीं भी छुपी हुई नहीं है। ऐसे में सामान्य नहीं रहा जा सकता क्योंकि पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र सामूहिक योगदान व उपयोग के लिये बना हुआ है। प्राणी विशेष की भूमिका अहम नहीं हो सकती। इसलिये यह तंत्र आज संवेदनशील हो चुका है जो विभिन्न रूपों से वो चाहे बवंडर हो या बाढ़, हमारे बीच में है।

अब जैव विविधता दिवस को जीवन दिवस के रूप में भी मनाया जाना चाहिये क्योंकि इस तंत्र में हर जीव की अपनी एक भूमिका है और पारस्परिक सहयोग व योगदान से ही हम एक-दूसरे के लिये बेहतर जीवन संजो सकते हैं। किसी भी प्रजाति का खत्म होना हमारे जीवन के एक दिन के खत्म होने के बराबर है। जैव विविधता को समझने व समझाने के नये रास्ते तैयार करने होंगे वरना आज मात्र एक औपचारिकता का हिस्सा बन चुका है। इसे व्यवहार में लाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है वरना हर नये जैव विविधता दिवस के अवसर पर हम अपने जीवन का एक दिन खो चुके होंगे।

10 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

पर्यावरण

एक शक्तिशाली तूफान जो सितंबर को टोक्यो खाड़ी से होकर जापान से टकराया – फाक्साई

अंतरराष्ट्रीय

‘हिंद महासागर सम्मेलन 2019’ का स्थल - मालेमालदीव

दुनिया का पहला डिजिटल एसेट बैंक या क्रिप्टो बैंक - सिग्नम (स्विट्जरलैंड और सिंगापुर स्थित संस्था)

2019 रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के विजेता - को स्वे विन (म्यांमार)अंगखाना नीलापजित (थाईलैंड)रेमुंडो पुजांते केययाब (फिलीपींस) और किम जोंग-की (दक्षिण कोरिया)


व्यक्ति विशेष

2019 रेमन मैगसेसे पुरस्कार जीतने वाले भारतीय - रवीश कुमार

19 वें वार्षिक एशियन अचीवर्स अवार्ड्स में 'वीमेन ऑफ द ईयर अवार्ड' की विजेता - नीता पटेल

एशियन अचीवर्स अवार्ड्स 2019 में 'जीवनगौरव' पुरस्कार के विजेता - अनिल अग्रवाल

मानविकी, कला और सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए भारत सरकार के विजिटर अवार्ड के विजेता - सिबनाथ देब

भौतिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए भारत सरकार का विजिटर अवार्ड के विजेता - प्रा संजय पुरी

जीव विज्ञान में अनुसंधान के लिए भारत सरकार का विजिटर अवार्ड के विजेता - असद उल्लाह खान और डॉ पूर्णिमा(संयुक्त रूप से)

प्रौद्योगिकी विकास में अनुसंधान के लिए भारत सरकार का विजिटर अवार्ड के विजेता - डॉ शॉन रे चौधरी

क्रीड़ा

2019 यूएस ओपन टेनिस प्रतिस्पर्धा में पुरुष एकल प्रतियोगिता के विजेता - राफेल नडाल

2019 यूएस ओपन टेनिस प्रतिस्पर्धा में महिला एकल प्रतियोगिता की विजेता - बियांका एंड्रीस्कु

8 सितंबर घोषित विश्व हॉकी महासंघ (एफआईएच) की नवीनतम रैंकिंग में भारतीय पुरुष हॉकी संघ का स्थान – पांचवां

विश्व हॉकी महासंघ (एफआईएच) की नवीनतम रैंकिंग में पहला स्थान - ऑस्ट्रेलिया

सामान्य ज्ञान

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना – 1957

यूएस ओपन टेनिस प्रतिस्पर्धा पहली बार खेली गयी वह वर्ष - 1881

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) – स्थापना वर्ष: 1966; मुख्यालय: मंडलायुंगफिलीपीन्स

More Current Affairs :

Daily Current Affairs 10 September 2019
1) President Kovind to Confer Visitor’s Awards 2019 Announced by President’s Secretariat
2) India-France Strategic Partnership held on 9th September 2019
3) Prime Minister Narendra Modi to launch National Animal Disease Control Programme on 11th September 2019
4) Prime Minister to Launch Kisan Man Dhan Yojana on the 12th of September
5) DPIIT to Launch Plastic Waste Management Campaign for Swachhta Hi Sewa 2019
7) India Participates in Thessaloniki International Fair in Greece
8) ‘ANGAN’- A three-day International Conference on Energy Efficiency in Building Sector begins in New Delhi
9) Secretary, DePWD Participated In 22nd Session of UN Committee on CRPD at Geneva 
10) UNHRC asks India to end lockdown in J&K
11) India has been declared free from Avian Influenza (H5N1)
12) Rashid Khan has become the youngest captain in test cricket
13) Ashok Leyland becomes the first Indian original equipment manufacturer (OEM) to meet the BS-VI emission norms.
14) SLINEX joint maritime naval exercise between India and Sri Lanka
15) 11 NPA accounts did PNB puts off for sale to recover dues of Rs 1,234 crores
16) The Fifteenth Finance Commission holds a meeting with the Government of Rajasthan.

Important Topic:

  • Hurricane Dorian has caused a large scale destruction in The BahamasIndia has announced an immediate humanitarian assistance of $1 million to help people in The Bahamas affected by Hurricane Dorian.
  • India-Nepal petroleum pipeline:

  • Motihari-Amalekhgunj petroleum pipeline will transport fuel from Barauni refinery in Bihar’s Begusarai district to Amalekhgunj in southeastern Nepal, situated across the border from Raxaul in East Champaran district. 

    The 69-km pipeline will drastically reduce the cost of transporting fuel to landlocked Nepal from India.

  • ‘ANGAN’- International Conference on Energy Efficiency in Building Sector: 

  • The recently held international conference, ANGAN (Augmenting Nature by Green Affordable New-habitat), focussed on Energy Efficiency in Building Sector. It was organised by the Bureau of Energy Efficiency (BEE), Ministry of Power, Government of India.

Saturday, 1 December 2018

Breaking Unhealthy Silos: Ayushman Bharat Scheme — Pradhan Mantri Jan Aarogya Yojana (PMJY) 

Binaries between traditional and modern medicine must be given up to attain the goal of improved health and well being.

The third Sustainable Development Goal (SDG-3) pertains to healthcare. “Ensure healthy lives and promote well-being for all at all ages,” it states. This goal is important for several reasons. The economic viability of current healthcare models is under question, even in the world’s largest economies such as the US and China. Health indicators and figures on healthcare access present a picture of widespread inequality. The pharmaceutical industry and medical diagnostic procedures compromise environmental integrity and public health systems do not address the health impacts of environmental pollution. While under-nutrition and communicable diseases persist, non-communicable diseases (NCD) such as cancers, hypertension, diabetes, respiratory problems and injuries are rising.

Universal Health Coverage (UHC) has been adopted as the strategy to attain SDG-3. However, last month, at a meet in Astana, Kazakhstan, the world community acknowledged UHC’s limitations. The Astana Declaration underscored the importance of Primary Health Care (PHC) as an essential complement to UHC. UHC concentrates on ensuring healthcare access through medical insurance “coverage” in order to “prevent catastrophic medical expenditures”. This was a move away from the comprehensive PHC approach that was reiterated by the WHO in 2008.

The Astana declaration (2018) attempts to integrate the two approaches. “We will apply knowledge, including scientific as well as traditional knowledge, to strengthen PHC, improve health outcomes and ensure access for all people to the right care at the right time and at the most appropriate level of care, respecting their rights, needs, dignity and autonomy,” the declaration states. However, what the Astana Declaration leaves unsaid is a matter of serious concern. It is silent on the socio-economic and political conditions (international and national) that lead to malnutrition and ill-health. It does not talk of the complicity of private sector healthcare outfits and the pharmaceutical and insurance industries in creating the problem of unaffordability.

Ivan Illich’s book, Limits to Medicine, published in 1974, brought together a large body of data that demonstrated the negative effects of the doctor-centred medical system. Illich showed how the system disempowers communities and patients. Such evidence has only grown over the decades. Yet, UHC seems to be premised on the belief that increasing access to the “doctor-hospital-centred healthcare” is the solution to the crisis.

The principles of the PHC approach of the Alma Ata declaration (1978) such as healthcare “closest to home” and “appropriate technology” that is effective, safe, cheap, and simple to use, need to be applied to the healthcare system as a whole. The PHC-infused-UHC could facilitate such a shift. People’s experiences, knowledge and practices need to be respected if we are to shift to patient-centred and community-centred healthcare. Binaries of “scientific” versus “traditional” need to be given up by acknowledging the validity and limitations of various knowledge systems.

The women’s movement and Adivasi and indigenous peoples’ movements have asserted people’s rights over their bodies and health. Decentralised and plural healthcare systems, social audits and community monitoring systems have been designed and experimented upon. People across the world are turning to alternative medical systems.

In India, the UHC-PHC complement is embodied in the Ayushman Bharat scheme — the Pradhan Mantri Jan Aarogya Yojana (PMJY) reflects the UHC model, while the health and wellness centres claim to reflect the PHC component at the primary level. This is a shift from the earlier strategy for strengthening public healthcare system, reflected in the National Rural Health Mission (NRHM), 2005-2012 — later the National Health Mission with incorporation of the National Urban Health Mission. NRHM addressed primary and secondary levels, leading to an increase in public health expenditure, from 17 per cent of total health expenditure in 2004-05 to 30 per cent by 2014. It also increased utilisation of public healthcare for out-patient care, especially in the most under-served states. This was no mean achievement, especially at a time when privatisation was the larger policy trend.

With decreasing budgets, however, NHM may well be in decline. Huge sums are being promised for insurance against hospitalisation under the PMJAY. However, evidence from the Rashtriya Swasthya Bima Yojana (RSBY) shows that such insurance schemes distort health provider behaviour, add unnecessary transaction costs and on aggregate do not reduce out of pocket expenditures on health. Thus there is no option but to strengthen public services.

The Health and Wellness Centres bring focus on to non-communicable diseases (NCDs), in addition to the ongoing communicable disease control programmes and maternal and child health programmes. The ambit of services provided has increased and public services at the primary level have been strengthened. However, this is not in sync with the broad SDG of improved well-being. Attaining this goal requires that the environmental, social, and economic conditions are made conducive to health. Economic, agricultural, industrial, rural and urban development policies should all keep people’s health as their central goal.

AYUSH practitioners — who have taken “bridge’ courses” — will be posted at the health and wellness centres to screen NCDs and implement allopathic programmes. Encouraging them to utilise their AYUSH knowledge to prevent and treat diseases will be an opportunity to utilise our indigenous resources for sustainable options.

The PHC-infused UHC provides a window of opportunity for re-visioning and creating sustainable and empowering healthcare. Will we as a country make use of the opportunity Astana provides, or continue to be caught in the trap of over-medicalised commercialised healthcare?

(Source : Indian Express)

Friday, 16 November 2018

‘Himalayan State Regional Council’ 

NITI Aayog has constituted the ‘Himalayan State Regional Council’ to ensure sustainable development of the Indian Himalayan region.

Objective: The Council has been constituted to review and implement identified action points based on the Reports of five Working Groups, which were established along thematic areas to prepare a roadmap for action.

These Working Groups were tasked with preparing a roadmap for action across five thematic areas namely:

  1. Inventory and Revival of Springs in Himalayas for Water Security
  2. Sustainable Tourism in Indian Himalayan Region.
  3. Shifting Cultivation: Towards Transformation Approach.
  4. Strengthening Skill & Entrepreneurship (E&S) Landscape in Himalayas.
  5. Data/Information for Informed Decision Making.

Functions: The Himalayan States Regional Council will be the nodal agency for the Sustainable development in the Himalayan Region which consists of the 12 States namely Jammu &Kashmir, Uttarakhand, Himachal Pradesh, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura, two districts of Assam namely Dima Hasao and KarbiAnglong and Darjeeling and Kalimpong in West Bengal.



18 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

दिन विशेष विश्व बांस दिवस -  18 सितंबर रक्षा 16 सितंबर 2019 को Su-30 MKI द्वारा हवा से हवा में मार सकने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का सफल परी...