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Saturday, 4 November 2017

भारत और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का जेंडर गैप इंडेक्स (India and Gender Gap Index of World Economic Survey)

आइसलैंड लगातार नौवें साल टॉप पर है।

जेंडर गैप इंडेक्स 2006 में शुरू किया गया था। वर्ल्ड लेवल पर स्त्री-पुरुष में असमानता बढ़ी है। जेंडर गैप रैंकिंग के 11 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, कार्यस्थल और राजनीति इन चारों क्षेत्रों में महिला व पुरुषों के बीच खाई और चौड़ी हुई है।

2016 की रिपोर्ट में कहा गया था कि इस अंतर को पाटने में 83 साल लगेंगे। लेकिन नई रिपोर्ट के मुताबिक अब इसमें 100 साल लग जाएंगे। सैलरी का अंतर तो इतना ज्यादा है कि इसे खत्म होने में 217 साल लगेंगे। राजनीतिक असमानता दूर करने में 99 साल और शैक्षिक असमानता हटाने में 13 साल का वक्त लगेगा। 

एक मात्र पॉजिटिव बात यह है कि 144 में से करीब आधे देशों का स्कोर बेहतर हुआ है। हालांकि भारत का स्कोर कम हुआ है।

भारत 21 स्थान नीचे गिरकर 108वें स्थान 
पर पहुंचा:

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 21 पायदान नीचे आ गया है। फोरम ने 144 देशों में भारत को 108वें नंबर पर रखा है। पिछले साल 87वें नंबर पर था। स्त्री-पुरुष में आर्थिक और राजनीतिक असमानता बढ़ना इसकी मुख्य वजह है।

फोरम चार पैरामीटरों पर यह रैंकिंग करता है। इनमें से दो में प्रदर्शन खराब हुआ है। बाकी दो पैमाने पर भी सिर्फ एक-एक अंक का सुधार है। राजनीतिक अधिकार में भारत 15वें नंबर पर है। अर्थव्यवस्था में महिलाओं की कम भागीदारी और मामूली वेतन के चलते भारत रैंकिंग में चीन और बांग्लादेश से भी पिछड़ गया है।

डब्ल्यूईएफ की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2017 के मुताबिक भारत ने महिला और पुरुषों के मामले में 67 फीसदी अंतर पाटने में सफलता हासिल की है। लेकिन यह सफलता चीन और बांग्लादेश से भी फीकी है। इस इंडेक्स में बांग्लादेश 47वें और चीन 100वें स्थान पर रहा।

भारत की रैंकिंग 2006 के मुकाबले दस पायदान गिरी है।

Tuesday, 1 August 2017

"लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के अलावा संभावित कार्यबलों में से आधे हिस्से के सशक्तिकरण से महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ होंगे।" इस कथन के संबंध में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता तथा उसके लिए आवश्यक उपायों का समालोचनात्मक मूल्यांकन करें। “Empowering half of the potential workforce has significant economic benefits beyond promoting gender equality.” Discuss how this potential can be realised. (200 Words)UPSC Mains Answer Writing. GS Paper - 1. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 1

http://www.livemint.com/Opinion/aLxuGwlhf0P4jL6LT2XGyO/Gender-as-the-new-driver-of-growth.html

18 सितम्बर 2019 करेंट अफेयर्स - एक पंक्ति का ज्ञान One Liner Current Affairs

दिन विशेष विश्व बांस दिवस -  18 सितंबर रक्षा 16 सितंबर 2019 को Su-30 MKI द्वारा हवा से हवा में मार सकने वाले इस प्रक्षेपास्त्र का सफल परी...