Thursday 14 September 2017

उपादान भुगतान अधिनियम, 1972 (Payment of Gratuity Act)

ग्रेच्युटी अधिनियम 1972

दस अथवा अधिक लोगों को नियोजित करने वाली स्‍थापनाओं के लिए उपादान भुगतान अधिनियम, 1972 लागू है। इस अधिनियम को लागू करने का मुख्‍य उद्देश्‍य है - सेवानिवृति के बाद कामगारों की सामाजिक सुरक्षा, चाहे सेवानिवृति की नियमावली के परिणामस्‍वरूप सेवानिवृति हुई हो अथवा शरीर के महत्‍वपूर्ण अंग के नाकाम होने से शारीरिक विकलांगता के कारण सेवानिवृति हुई हो।इसलिए उपादान भुगतान अधिनियम 1972, उद्योगों, कारखानों और स्‍थापनाओं में मजदूरी अर्जित करने वाली जनसंख्‍या के लिए एक महत्‍वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा का विधान है।
अधिनियम के तहत उपादान राशि पर मौजूदा अधिकतम सीमा 10 लाख रूपये है। उपादान के संबंध में सीसीएस (पेंशन) नियमावली, 1972 के अधीन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी समान प्रावधान हैं।
सातवां केंद्रीय वेतन आयोग लागू होने से पहले सीसीएस (पेंशन) नियमावली,1972 के अधीन अधिकतम सीमा 10 लाख रूपये थी। हालांकि सातवां केंद्रीय वेतन आयोग लागू होने से सरकारी कर्मचारियों के मामले में 1 जनवरी, 2016 से अधिकतम सीमा अब 20 लाख रूपये है।

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