Thursday 14 September 2017

अंतरिक्ष में कचरे का खतरा


विज्ञान की प्रगति के साथ एक के बाद एक देश अंतरिक्ष में अपने उपग्रह भेजने लगे हैं। इसके साथ ही वहां कूड़ा कचरा भी बढ़ने लगा है। इस समय कचरे का जो घनत्व है, उससे पांच साल में एक बार इन ऑर्बिट टक्कर होने की संभावना है। लेकिन जर्मनी में ईएसए के एक सम्मेलन में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार कचरे के बढ़ने से इस तरह की दुर्घटनाओं की संभावना बहुत बढ़ जाएगी।

इस शोध रिपोर्ट के अनुसार हर साल अंतरिक्ष से पांच से दस बड़ी वस्तुओं को हटाने की जरूरत है ताकि टक्कर के खतरे को कम करने के अलावा उससे पैदा होने वाले छोटे छोटे टुकड़ों के अंतरिक्ष में फैलने के जोखिम को भी कम किया जा सके। ये टुकड़े ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 10 सेंटीमीटर से बड़े 29,000 टुकड़े पृथ्वी का चक्कर काट रहे हैं। ये टुकड़े 25,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं जो यात्री विमानों की रफ्तार से 40 गुना ज्यादा है। इस रफ्तार पर छोटे से छोटा टुकड़ा भी विमान या उपग्रह जैसी चीज को नष्ट कर सकता है।

घूम रहे कचरे में इंसान द्वारा अंतरिक्ष में छोड़कर आया गया कचरा, रॉकेट लॉन्चरों के टुकड़े और निष्क्रिय पड़े उपग्रह और पिछली टक्करों में टूटे कल पुर्जे हैं। अंतरिक्ष के कचरे पर चल रही रिसर्च में विश्व भर की अंतरिक्ष एजेंसियां सहयोग कर रही हैं। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने 2012 में क्लीन स्पेस मुहिम शुरू की थी, जिसका लक्ष्य अंतरिक्ष से कचरे को हटाने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए तकनीकी का विकास करना था।

हाल ही में जापान का अंतरिक्ष के कचरे को साफ करने का एक प्रयोग विफल हो चुका है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के वैज्ञानिकों ने एक उपकरण से प्रयोग किया था। मछली पकड़ने वाले जाल बनाने वाली कंपनी की मदद से एक जाल बनाया गया था। वैज्ञानिक इस इलेक्ट्रोडायनमिक जाल की मदद से कूडे की गति को धीमा करके उसे निचली कक्षा में लाना चाहते थे। उम्मीद यह की जा रही थी कि पांच दशक की मानवीय गतिविधियों से अंतरिक्ष में जो भी कचरा जमा हुआ है उसे धीरे धीरे नीचे लाया जाए। जब वह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा तो जलकर नष्ट हो जाएगा।

अमेरिकी वैज्ञानिक अंतरिक्ष में मौजूद कचरे और मलबे को साफ करने के लिए विशेष यान विकसित करने में जुटे हैं। बाल से भी पतले इस यान में लगे अत्याधुनिक उपकरण अंतरिक्ष के कचरे को नष्ट करने में सक्षम होंगे।

कृत्रिम उपग्रह और विभिन्न मिशन पर गए कुछ यान अभियान पूरा होने के बाद यूं ही पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। ये अंतरिक्ष यात्रियों और सेटेलाइट के लिए बेहद खतरनाक हैं। एयरोस्पेस कॉरपोरेशन इससे निपटने के लिए ब्रेने क्राफ्ट नामक नया यान विकसित कर रहा है। लचीले यान की मोटाई बाल से भी आधी है।

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