सिविल सेवा की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्रों में रोष अपने चरम स्तर पर पहुंच गया है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की मनमानी, सरकार के ढुलमुल रवैये और कोर्ट की लम्बी कार्यवाही से उकताए छात्र सड़क पर उतरने को तैयार हैं। आगामी 26 नवम्बर को छात्रों ने अपनी बात को प्रभावी ढंग से रखने के लिए भाजपा सांसद वरूण गाँधी को आमंत्रित किया है।
सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों की माँग है कि 7 फरवरी 2018 को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा जारी होने वाले सिविल सेवा परीक्षा नोटीफिकेशन में निम्नलिखित बातें शामिल की जाएं;
1. वर्ष 2011-14 के मध्य UPSC द्वारा आयोजित भेदभावपूर्ण सीसैट (CSAT) परीक्षा के भुक्तभोगी प्रतियोगी छात्रों को न्यूनतम 2 अतिरिक्त प्रयास दिया जाए।
2. वर्ष 2017 में आयोजित सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा में यूपीएससी द्वारा बनाए गये गलत व संदिग्ध प्रश्नों के कारण प्रभावित छात्रों को न्यूनतम 1 अतिरिक्त प्रयास दिया जाए।
3. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के दिनाँक 14/07/1988 को निर्गत परिपत्र No.AB.14017/70/87-Estt.(RR) शीर्षक "Crucial date for determining age limits for competitive examinations conducted in parts by the UPSC/SSC" को संशोधित करते हुए सभी वर्ग के अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए आयु सीमा निर्धारित करने की अधिकतम निर्णायक तारीख 1 अगस्त से हटाकर 1 जनवरी की जाए ताकि अधिकतम आयु में मात्र कुछ दिनों या महीनों के अंतर होने के कारण से कोई भी अभ्यर्थी सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित न रह जाए।
4. आयु निर्धारण का आधार प्रारम्भिक परीक्षा होनी चाहिए नाकि मुख्य परीक्षा।
5. सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरणों को पारदर्शी बनाने के लिए निम्नलिखित आवश्यक बिंदु सम्मिलित किए जाएं-
अ. सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा में सम्मिलित छात्रों को अपनी OMR उत्तर शीट की कार्बन कापी ले जाने का प्रबंध किया जाए।
ब. सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा की समाप्ति के सप्ताहांत परीक्षा की उत्तर कुंजी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी जाए।
स. सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के माडल उत्तर आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करायी जाए। एवं मुख्य परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPCS) के मॉडल पर दिखाए जाने की व्यवस्था की जाए।
द. साक्षात्कार में ग्रामीण एवं साधारण आय वर्ग व भाषाई स्तर के छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएं।
छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को जल्द ही कदम उठाने होंगे। मीडिया में आ रही इस खबर से कि सरकार अधिकतम आयु सीमा में कटौती कर सकती है मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर में रह रहेे हजारों छात्र और उनके परिवार में असंतोष काफी बढ़ गया है।
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