एशिया में कॉफी के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक और नियार्तक देश भारत ने दुनिया की सबसे महंगी कॉफी का उत्पादन शुरु किया है। इसे सिवेट कॉफी बोला जाता है और यह दुनिया की सबसे महंगी कॉफी मानी जाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 20 से 25 हजार रुपये किलो है।
यह कॉफी सिवेट नाम की बिल्ली के मल में निकले बिना पचे कॉफी के बीन से तैयार की जाती है। कॉफी के पकने के चरण में सिवेट बिल्ली कॉफी की चेरी को खाती है जिसका गूदा वह पचा लेती है लेकिन गूदे के अंदर के बीज को वह पचा नहीं पाती और यही बीन मल परित्याग के समय साबुत निकल जाता है। यह काम कनार्टक के कुर्ग जिले में बहुत छोटे पैमाने पर शुर हुआ है।
सिवेट कॉफी को लुवर्क कॉफी भी बोला जाता है। यह इसलिए महंगा है क्योंकि इस कॉफी को तैयार करने की प्रक्रिया बेहद जटिल है। सिवेट बिल्ली कॉफी बीन्स पकने के चरण में इसे खाती है और नहीं पचे हुए बीन्स जब उसके मल से निकलने पर उसका संग्रह कर उसका प्रसंस्करण किया जाता है और फिर उसकी बिक्री की जाती है।
India, Asia's third-largest producer and exporter of coffee, has started producing the world's most expensive coffee which is made from the poop of civet cat.
It will be produced on a small scale in Coorg district of Karnataka as it's expensive because of the uncommon method of producing it.
The Civet coffee, also called as Luwark coffee, is produced from the coffee beans digested by civet cat. Civet cat eats flesh of the coffee cherries and not the bean. Natural enzymes in civets stomach enhances the bean flavor and thats why this coffee is unique. The feces of this cat are collected, processed and sold. It is highly priced because it is claimed to be more nutritious and a high cost is involved in sourcing the animal dropping, wastage during processing and quality certification.
Civet coffee, a drink of elite consumed widely in the Gulf nations and Europe, is sold for Rs 20,000-25,000/kg abroad.
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