संघर्षरत सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली चण्डीगढ़ निवासी सुश्री रमन संधू ने हिन्दी आईएसबाबा http://hindiiasbaba.blogspot.in को बताया है कि सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों जिनमें से अधिकांशतः ग्रामीण एवं हिन्दी सहित दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के पृष्ठभूमि के छात्रों के साथ सभी सरकारों ने अन्याय किया है। जहाँ एक ओर 2011-14 तक प्रारम्भिक परीक्षा में सीसैट के माध्यम से मानविकी एवं गरीब परिवारों के छात्रों को सिविल सेवा से दूर रखा गया, वहीं वर्ष 2015 व 2016 में हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाई माध्यम से पढ़ रहे प्रतियोगी छात्रों को मुख्य परीक्षा और फिर साक्षात्कार में तुलनात्मक रूप से कम अंक दिए गये। इसी क्रम में वर्ष 2017 की सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में सीसैट के पेपर को गलत तरीके से कठिन बनाया गया वहीं सामान्य अध्ययन परीक्षा में 4-8 प्रश्न ऐसे पूछे गये हैं जो या तो गलत थे या फिर उनके एक से अधिक सही जवाब हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में रमन संधू ने प्रतियोगी छात्रों को 7 नवम्बर को आगामी शीतकालीन संसद सत्र से पहले होने वाले राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होते हुए अपील की है कि देश की राजधानी सहित राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन के लिए भी छात्र तैयार रहें।
Friday, 3 November 2017
सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल हों पीड़ित छात्र : रमन संधू
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